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About The Book :
पाक मुहब्बत- अपने नाम की तरह ज़िन्दगी के हर रिश्ते को पवित्र बनाते हैं । कहानी के तीन मुख्य पात्र अलग- अलग समुदाय से ताल्लुक़ रखतें हैं।हिन्दू,मुस्लिम और सिक्ख ।
बचपन के साथी, जात-पात से उठ कर सोचते थे । दोस्ती को सही मायनों में जीने के
साथ-साथ हर रिश्ते को ब-ख़ूबी निभाते हुए कहानी को आगे बढ़ाते हैं ।
हालात की मजबूरी उन्हें इस दोस्ती की मुहब्बत की दुनिया से दूर अपनी-अपनी ज़िन्दगी
की नैया ले,लम्बी और अनजान यात्रा पर अलग-अलग राहों पर जाने को मजबूर कर देती
है ।
नये- नये विचार मन में उमड़तें हैं । सवाल भी खुद और जवाब भी अपने आप ढूँढने
को मजबूर कर देतें हैं ।क्या ये फैंसला सही है ? क्या तीनों एक दूसरे का सहारा बन
जो ज़िन्दगी जी रहे थे , अच्छी और ख़ुशहाल ज़िन्दगी जी पायेंगे ? यही प्रश्न मन में लिये
एक दूसरे से अलग हो और मिलने का वादा कर अपनी-अपनी राह पर चल पड़ते हैं ।
लेखिका ने आज के आधुनिक युग में अपने हर पात्र के साथ न्याय करते हुए इस कहानी
को मनोरंजक,रंगीन,भावुक और हमदर्दी के साथ सजीव बनाया है ।
About The Author:
हिमाचल की वादियों में जन्मी व पली-बड़ी।
शिमला के St.Bede’s College,Shimla से उच्च
शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत आपने कम उम्र
में (Convent Of Jesus and Mary,Shimla) में ही
अध्यापन आरम्भ कर दिया था ।
आपके घर का वातावरण हिन्दी ,पंजाबी ,और
उर्दू साहित्य से जुड़ा हुआ था। बचपन से ही
आपको इन भाषाओं ने कहीं न कहीं प्रेरित किया
था । हिन्दी के प्रति अपना उत्साह व रूचि देखकर
हिन्दी में कहानियाँ और कविताएँ लिखना शुरू कर दिया ।
आपका झुकाव केवल दायिरे में ही सीमित नहीं था,परन्तु
ज़िन्दगी के हर पहलू को उजागर आपने किया ।
आपका द्ष्टीकोण बहुत ही संवेदनशील और मर्मस्पर्शी रहा है,जो
आपकी लेखनी में झलकती है ।