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इबादत को इजाज़त है (Ibaadat ko Ijaazat Hai)

By Jyoti Jain


GENRE

Romance

PAGES

96

ISBN

9789386305336

PUBLISHER

StoryMirror

PAPERBACK ₹130
Rs. 130
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About the Book:


सरेआम सुगबुगाते हुए लफ्ज़, कहने की चाहत और बहुत कुछ कहना मुल्तवी भी करने वाली यह कलम। सादे सपनों की समंदर-सी प्यास जैसी हैं ज्योति जैन की कहानियां। खुद को बताने या छुपाने के मकसद से बेरुख हैं ये कहानियां। एक अहसास पर मर मिटने वाले हैं इन कहानियों के किरदार, तमाम शान-ओ-शोकत से कतई मुखातिब नहीं हैं ये किरदार, अपनी प्यास के साथ ये दूर सहरा तक भटकने को बेताब हैं, पर सूखे गले से भी ये प्रेम की एक कविता ज़रूर रचते है.


About the Author:


दुनिया के बनाये रास्तों पर चलने से ज़्यादा अपनी ख़ुद की बनाई पगडंडी पर चलने में विश्वास करने वाली लेखिका ज्योति जैन, रहने वाली राजस्थान की है। ईश्वर ने सांसें दी और अब ये बैठकर हर सांस में शब्द पिरो रही हैं। कोई बड़ी ख्वाहिशात नहीं पालती लेकिन खुद के फैसलों के परों से उड़ने के अपने हक को भी नहीं छोड़ती। कई पत्रिकाओं में लेख लिखने के साथ ही अंग्रेजी के दोकाव्य संग्रह (anthology) “राइम्स एण्ड रीद्म्स” और “लाईफनामा” में कुछ पन्नें इन्होनें अपने शब्दों से रंगे है। भटकने की शौकीन जब कहीं नहीं होती है तो अपने ब्लॉग या पेज पर होती है।














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