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तरकश में आलपिन (Tarkash Mein Alpin)

By दीपक उपाध्याय (Deepak Upadhyay)


GENRE

Self help

PAGES

66

ISBN

ebook

PUBLISHER

StoryMirror

E-BOOK ₹75 PAPERBACK ₹150
Rs. 75
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About the Book:


हिंदी कहानी के समृद्ध तरकश में, जहाँ एक से बढ़कर एक ब्रह्मास्त्र हैं, मैं अपनी इन कहानियों को आलपिन की तरह लघु मानता हूँ इसलिए पुस्तक का नाम “तरकश में आलपिन” रखा है। यह किताब कहानियों का एक ऐसा संग्रह है जो आपके हृदय की विभिन्न संवेदनाओं को स्पंदित करती है।


२५ रचनाओं की इस यात्रा में आप कहीं न कहीं स्वयं को पाएँगे। ये कहानियाँ आपकी भावनाओं को विभिन्न आयामों तक ले जाएँगी और आपके मानस पटल पर सदैव के लिए अंकित हो जाएँगी। पच्चीसवीं रचना एक कविता है जो लेखक की आने वाली किताब से ली गयी है।


About the Author:


CMA दीपक उपाध्याय पेशे से कॉस्ट अकाउंटेंट हैं तथा अभी एक कंपनी में एकाउंट्स डिपार्टमेंट में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। लेखक ने जी.आई.सी बलिया (उ.प्र.) से स्कूलिंग, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और ICAI (ICWAI) से प्रोफेसनल डिग्री ली है।


लिखने का शौक़ कॉलेज के दिनों से ही था लेकिन ऑनलाइन लेखन प्रतियोगिताओं में मिली सराहना ने किताब लिखने के लिए प्रेरित किया । 









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