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मैं जो भी लिखता हूँ सनातन संस्कृति के सम्मान, संरक्षण एवं पोषण के लिए लिखता हूँ। वही है मेरा प्रेरणा स्रोत और उसी को समर्पित है ये संकलन। मैं अपने लेखन में विविधताओं से भरे कई प्रयोग करता रहा और विभिन्न स्वरूपों में अपनी मुक्त लेखनी को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता देता रहा। इस पूरे क्रम में मेरा यही मन्तव्य रहा, और आगे भी रहेगा, कि मेरा लेखन सकारात्मक, सार्थक, सजग एवं सरोकार वाला हो। अब उसी विविधता को समेटे हुए मेरा ये रचना संकलन आप पाठकों को सुपुर्द है, जिसे मैं ‘कनिका’ (कथा, निबन्ध, काव्य) भी कहता हूँ।
माँ वीणावादिनी की कृपा से प्रतीक ने अब तक सात पुस्तकें साहित्य एवं पाठक जगत को समर्पित की हैं, जो सभी अलग अलग विशिष्ट विधाओं में हैं। प्रतीक की लेखनी को कुछ ऐसा आशीर्वाद है कि वो गद्य तथा पद्य में शौर्य, हास्य, श्रृंगार एवं सामाजिक चेतना पर एक समान सहजता के साथ लिख पाते हैं। और इसी के साथ उनकी प्रयोगवादी सोच उन्हें नियमित रूप से एक नए विषय एवं प्रारूप में लिखने को प्रेरित करती रहती है। उनकी रचनाओं की ऐसी ही विविधता के कारण उन्हें इण्डिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स २०१९’ में ‘मल्टीफैसेटेड ऑथर’ के रूप में स्थान दिया गया।