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About Book:
शायरी के इस ग्राम में कुल पाँच बस्तियाँ हैं - वैलेंटाइन, चाय, कोरोना, मिश्रित शायरियाँ तथा मिश्रित लघु कविताएँ। हर बस्ती से प्रेम की नदी बहती है। यहाँ हास्य के कुछ बाग-बगीचे हैं तो कटाक्ष, व्यंग्य के कुछ खेत-खलिहान भी हैं। बिलकुल आपके आशियाने का फसाना ही लगेगा। सारी पंक्तियाँ आपके दिनचर्या का हिस्सा प्रतीत होंगी। इसको दावा कहें या चुनौती, बस एक बार पढ़ना शुरू तो कीजिए, बीच में रुक नहीं पाइएगा। कुल मिलाकर 120 शायरियाँ और 35 लघु कविताएँ आपकी खिदमत में हाजिर हैं। आइए, अपनी आँखों से ये शायरीग्राम पावन कर होठों से रसपान ग्रहण कीजिए।
About the Author:
बिहार के दरभंगा जिले में जन्मे, पले-बढ़े तथा विद्यालय शिक्षा
ग्रहण करने के पश्चात राहुल रंजन ने सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी.) सूरत से सिविल अभियांत्रिकी
में स्नातक किया। वर्तमान में ये भारतीय रेलवे में अभियंता के रूप में कार्यरत हैं। कॉलेज जीवन में अपनी कविताओं की लोकप्रियता से प्रोत्साहित होकर इन्होंने राजभाषा हिन्दी के लिए काफी योगदान दिया तथा वार्षिक पत्रिकाओं एवं मासिक अखबार में संपादन का कार्य भी करते रहे। वर्तमान में हिन्दी साधना में स्वतंत्र रूप से लीन
हैं तथा देश सेवा से बचा-खुचा समय हिन्दी सेवा में न्योछावर करते हैं।