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प्रेम - योग (Prem - Yog)

★★★★★
Author | प्रसाद षड़ांगुले 'बेताब' (Prasad Shadangule 'Betab') Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | 978-93-91116-77-4 Pages | 106
PAPERBACK
₹175
E-BOOK
₹89


About the Book: 

एक शायर ने, एक ही संग्रह में, कई बहरों पर ग़ज़लें कहीं हो ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है, लेखन कला के हिसाब से इस पुस्तक की यह बड़ी विशेषता है।

शायर ने कई जगह आश्चर्य चकित किया है, मिलन के पहले का विरह, मिलन के बाद का विरह, विरह में दुख और आनंद की अनुभूति, इस प्रकार के कई रंगों का अद्भुत संयोग देखने को मिलता है। ऐसे कई शेर देखने को मिलते है जिसमें शायर के मिलन की कल्पना ईश्वरीय मिलन के बहुत पास आती है और एक अलग तरह का लुत्फ़ मिलता है।


कुछ ग़ज़लें ऐसी है जो शायद मुशायरे वाली चमक न पैदा करें लेकिन उनमें गहरे एहसास है जो तरन्नुम पैदा करते है, गीत नुमा ग़ज़लें है जो धीरे धीरे दिल में उतरती है और समा जाती है। इस दौर में ऐसा संवेदनशील लेखन कम हो रहा है।


About the Author:

प्रसाद षड़ांगुले 'बेताब' का जन्म ४ अगस्त के दिन मध्यप्रदेश, भोपाल में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। प्रसाद ने अपनी संपूर्ण शिक्षा भोपाल में ही ग्रहण की और मौलाना आज़ाद प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से विद्युत अभियांत्रिकी में स्नातक तथा स्नातकोत्तर उपाधी प्राप्त की। शिक्षण के पश्चात वे पिछले दो दशकों से अधिक समय से सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित निजी संस्था में सेवारत है।

 

बचपन से ही प्रसाद का रुझान दर्शन और अध्यात्म की ओर रहा, जिसके चलते काव्य में रुची तथा मानवीय संवेदनाओं और प्रेम की अनुभूति का अवलोकन जीवन प्रवाह का एक स्वाभाविक हिस्सा रहा।





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