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हाँ, तुम बेहद खूबसूरत हो (Haa Tum Behad Khubsurat Ho)

By Hari Shankar Goyal "Hari"


GENRE

Classics

PAGES

164

ISBN

ebook

PUBLISHER

StoryMirror

E-BOOK ₹100 PAPERBACK ₹200
Rs. 100
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About The Book:


यह पुस्तक विभिन्न कहानियों का एक संग्रह है। इसमें सामाजिक और मानवीय मूल्यों को रेखांकित किया गया है और समाज को एक दिशा देने का प्रयास किया है। जिस तरह से एक गुलदस्ते में विभिन्न प्रकार के फूल यथा गुलाब, टूलिप, रजनीगंधा आदि होते हैं उसी प्रकार से इस कहानी संग्रह में भी विभिन्न प्रकार की कहानियां हैं। इनमें से कुछ मानववाद को रेखांकित करती हैं एवं कुछ मानवीय अहसास और जज़्बातों को उद्वेलित करती हैं। कुछ हास्य - रस बिखेर कर मन को गुदगुदाती हैं तो कुछ प्रेम वर्षा करके मन भिगो जाती हैं।


हर कहानी अपने आप में अलग है। आशा ही नहीं विश्वास है की यह पुस्तक आपके मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी।


 

About the Author:


हरि शंकर गोयल "हरि" ग्रामीण पृष्ठभूमि के राजस्थान के लेखक हैं। कृषि एवं व्यावसायिक परिवेश में पले-बढे होने

के कारण धरती से जुड़े हुए रहे। घर में धार्मिक वातावरण होने से धार्मिक साहित्य पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ।


वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने के पश्चात लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग में विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में दस वर्षों तक प्रोफेसर रहे।


महाविद्यालय में प्रोफेसर रहते हुए परंपरागत, प्रगतिशील एवं हास्य-व्यंग्य साहित्य का अध्ययन करने का मौका मिला। बाद में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन होने से राजस्थान सरकार में विभिन्न प्रशासनिक एवं न्यायिक पदों पर रहते हुए सामाजिक, मानवीय, नैतिक एवं आर्थिक मूल्यों का गहन अनुभव प्राप्त हुआ। लॉकडाउन के कारण विभिन्न मंचों पर

लिखना प्रारम्भ किया।











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