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चेतना का विज्ञान ( Chetna ka Vigyaan )

Author | प्रो. आमोद सचान (Pro. Amod Sachan) Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | 9789360705381 Pages | 120 Genre | Inspirational

PAPERBACK
₹599

भीतर के आँगन में

अब कोई दौड़ नहीं बाकी,

ना किसी मोड़ पर रुकने की हड़बड़ी है…

जीवन अब एक खुला पंख है,..

हवा से भी हल्का,...

उम्र के अनुभव

अब सिरहाने रख दिए हैं,

और उठाया है, ध्यान की सीढ़ी को जो भीतर उतरती है,...

अब भीतर शांत रौशनी दिख रही है,

हर साँस के साथ एक नई ख़ुशबू उतर रही है भीतर,...

हे परमेश्वर,

करुणा, मौन, शांति के तेरे दिए हुए फूल.

अब भीतर के आँगन में खिल रहे हैं ..

बस…

अब तेरे लिए ही जीना है,

तेरे होने को चुपचाप जीते हुए।

या यूँ कहूँ

“धन्यवाद तुझे कि तूने मुझे अपना माना, तेरा होना ही अब मेरा होना है…"

-- प्रो.(डॉ) आमोद सचान







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