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थोड़ा जीने के लिए (Thoda Jeene Ke Liye) | हिंदी कविता संग्रह (Hindi Kavita Sangrah) | हास्य और व्यंग्य से भरी, समाज और परिवार की कविताएँ

By देवेन्द्र कुमार मिश्रा (Devendra Kumar Mishra)


GENRE

Poetry

PAGES

146

ISBN

9788119445431

PUBLISHER

StoryMirror

PAPERBACK ₹225 E-BOOK ₹112
Rs. 225
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About the Book:


इस पुस्तक में आई कविताएँ हास्य व्यंग्य और अन्य कई विधाओं पर हैं। ये कविताएँ लेखक का क्रोध है। समाज के दोगलेपन और खोखलेपन पर चोट करती ये रचनाएँ समाज और परिवार का दर्पण है। परिवार और व्यक्ति स्वयं जैसा है, उसी के परिणाम स्वरूप देश और दुनिया है। आज यदि दुनिया परमाणु युद्ध की कगार पर हैं तो इसके लिए हमारी महत्वकांक्षाएँ, हमारी जोड़-तोड़ की नीति ही जिम्मेदार है।


क्या हम मनुष्य कहलाने के लायक हैं? क्या हम जंगली सभ्यता से बाहर निकलकर मानव बन पाए हैं? यदि नहीं तो दोष किसका है? शायद हमारा ही है फिर किस गर्व से हम खुद को मनुष्य कह रहे हैं? यही प्रश्न इस संकलन की कविताएँ, अलग-अलग प्रकार से रचनाओं के माध्यम से पूछती हैं। मन को झकझोर देने वाले प्रश्न करती और उनके उत्तर देती कविताएँ आपके सम्मुख प्रस्तुत हैं, कृपया इन्हें स्वीकारें। 


About the Author:


देवेन्द्र कुमार मिश्रा कवि एवं कथाकार हैं। सन् 1991 से ही देश भर की पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैं। कथा और कविता संग्रह, दोनों मिलाकर इनकी अब तक 65 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। देश भर की विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से इन्हें 1400 सम्मान-पत्र मिल चुके हैं। ये पहले छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) में रहकर लिखते थे। वर्तमान में ये जबलपुर, मध्य प्रदेश में रहकर स्वतन्त्र लेखन और पत्रकारिता के कार्य में संलग्न हैं। इनकी जन्मभूमि, ग्राम कुँवरपुर, जिला दमोह, मध्य प्रदेश है।



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