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शायद यही है प्यार (Shayad Yahi hai Pyaar)

★★★★★
AUTHOR :
Abhishek Dalvi
PUBLISHER :
StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
ISBN :
ebook
PAGES :
527
E-BOOK
₹71

यह लेखक से लिखित पहली प्रेम कहानी है। हमारे देश के इतिहास में कई प्रेम कहानियां हुई है, कुछने इतिहास बनाया है, तो कुछ इतिहास बनकर रह गई। आज भी प्यार करने का हक हर किसी को है, पर अपनी मर्जी से शादी करने का बिल्कुल भी नहीं।


आज भी कई प्रेम कहानियां पूरी होती है, पर कुछ हमेशा हमेशा के लिए अधूरी रह जाती है। ज्यादातर प्रेम कहानियां अधूरी रह जाती है, लड़का और लड़की के परिवारों के ना कहने की वजह से और इन परिवारों की ना कहने की वजह भी बड़ी दिलचस्प रहती है। कुछ परिवारवालों को लड़का दिखने में अच्छा चाहिए तो कुछ परिवारों को बहु कमानेवाली चाहिए। कुछ लोगों को लड़की अपनी कुल की चाहिए तो कुछ लोगों को लड़का पराए गोत्र का चाहिए। कुछ लोग बहु से दहेज माँगते है तो कुछ लोग दामाद को ही घरजमाई बनाना चाहते है। कभी लड़केवाले राजी होते पर लड़कीवालों की ना रहती है। कभी लड़कीवालों की हां रहती है तो लड़केवाले ना कह देते है और अगर दोनों परिवार शादी के लिए हां कर भी दे तो कुंडली मे दोष आ ही जाता है।


मेरे ख्याल से किसीसे बेपनाह मोहब्बत करने के बाद सिर्फ घरवालों की मर्जी के खातिर उससे रिश्ता तोड़ देना , उससे हमेशा के लिए दूर जाना , उसे भूल जाना इससे बड़ा दुःख इस दुनिया में हो ही नही सकता।


लेखक की यह कहानी भी ऐसे दो किरदारों से जुड़ी है, जिनके परिवार , शहर , रास्ते एक दुसरे से काफी अलग है। पर उनका प्यार , उम्मीदे और किस्मत उन्हें उनकी जिंदगी एक साथ जिने के लिए मुमकिन करा देते है। अब उनकी जिंदगी कुदरत का मेल है , किस्मत का खेल है या फिर उनके प्यार का फल है यह कहानी पढकर आप ही तय किजीए।



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