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About the Book:
साहित्य हिन्दी का हो, या उर्दू का, जिन्हें लेखन कार्य से लगाव है, उनकी कलम जीवन के विभिन्न रंगों को भविष्य के काग़ज पर संवारने में सफल हो जाती हैं। साहिल तनवीर साहित्य का वह नवांकुर है, जिसने अपने दिल की भावनाओं को हिन्दुस्तानी ज़ुबान में उतारने की कोशिश की है। हिन्दी और उर्दू के शब्द-सुमन से सज्जीत उनकी रचनाएँ, भले ही व्याकरण की कसौटी पर बहुत खरी न हो पर संप्रेषण की दृष्टि से कहीं भी कम नही हैं। तभी तो कहा गया है “भाव अनूठो चाहिए, भाषा कैसी होय।” शायर कहें या कवि, तनवीर ने अपनी रचनात्मकता को बड़ी विनम्रता का स्वरूप दिया है। तनवीर की शायरी में प्रकृति भी है और प्रेम भी। मानवतावादी दृष्टिकोण है तो साम्प्रदायिक सद्भाव का स्वर भी। एक सच्चे मुसलमान और इस्लाम के मानवतावादी सोच की आवाज़ भी है तो वतन के प्रति अगाध प्रेम, सम्मान और समर्पण भी।