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एक और सतसई (Ek Aur Satsai)

★★★★★
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Author | Surendra Kr Sharma Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | ebook Pages | 82 Genre | Poetry
E-BOOK
₹125

 

ABOUT THE BOOK :

अभी हाल ही में मैंने संदेश प्रेरक सात सौ दोहों का सृजन सामाजिक सरोकारों और जनजागृति के उद्देश्य से "एक और सतसई" के रूप में किया है | 

"एक और सतसई" की विशेषता यह है कि जहाँ इसमें देशभक्ति से ओतप्रोत दोहों का समावेश है, वहीं युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक दोहे उनमें नवीन उल्लास और निराशा में आशा तथा असफलता में विचलित नहीं होने हेतु अनुप्राणित करते हैं | इस संग्रह में राष्ट्रीय महत्व के विषयों की ओर सामान्यजन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया गया है | जल बचाओ, पर्यावरण बचाओ~ पेड़ लगाओ, बेटी बचाओ~ भ्रूण हत्या रोको, यातायात नियमों का पालन करो, निरक्षरता दूर करो~ पढ़ो और पढ़ाओ~शिक्षा अपनाओ आदि विषयों को लेकर मार्मिक और सारगर्भित दोहों का सृजन किया गया है, जिन्हें पढ़कर एक ओर जहाँ समस्या की ओर संकेत करते हुए उस सम्बन्ध में सोचने हेतु ध्यान आकृष्ट किया गया है वहीं दोहे पाठक को उत्प्रेरित करते हैं | 

इसके अतिरिक्त प्रेम,आँसू, समय, भोर, रात, बचपन, माँ और भक्ति आदि शीर्षक से वर्गीकृत दोहों का सृजन किया गया है जो न केवल विषय को परिभाषित करते हैं वरन् एक नयेपन के साथ पाठक की उत्सुकता को बढ़ाते हैं | संकलन में विविधा शीर्षक से विविध विषयों पर दोहों का सृजन कर संकलन को सभी उम्र के पाठकों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक, आर्थिक, रिश्तों और दृष्टिकोण को बदलने और परखने की दिशा में संदेशात्मक अनूठी पहल इस किंचित अनुष्ठान के माध्यम से करने का प्रयास किया गया है | आशा है पाठकों को मेरा यह छोटा सा प्रयास पसंद आयेगा और उनकी प्रतिक्रियाओं की मुझे प्रतिक्षा रहेगी|


ABOUT THE AUTHOR:

मेरा जन्म 02 म‌ई, 1959 को जयपुर (राजस्थान) में मध्यवर्गीय शिक्षित परिवार में हुआ। मेरे पिताजी प्रभु दयाल शर्मा, अंग्रेजी साहित्य से एम.ए. और माता श्रीमती कमला देवी, इन्टर तक शिक्षा ग्रहण की । मेरे पिताजी राजस्थान शिक्षा विभाग के अध्याधीन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, दरबार स्कूल में अंग्रेजी के वरिष्ठ अध्यापक के रूप में अपने संपूर्ण सेवाकाल में सेवानिवृत्त होने तक कार्यरत रहे।

मैंने हिंदी साहित्य से एम.ए.और मार्केटिंग एवं सैल्स मेनेजमेंट में एग्जीक्यूटिव स्नातकोत्तर डिप्लोमा (अंग्रेजी माध्यम) तक शिक्षा प्राप्त की है। मैंने 1977-1984 तक रीको, आरसीएल, आर‌ईएल, रीको टीवी मार्केटिंग, सैंटर फार एग्रीकल्चर मार्केटिंग, नेशनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग एवं वर्ष 1985-1919 तक राजकीय उपक्रम राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड, जयपुर में प्रबन्धकीय स्तर पर प्रबंधक, जनसंपर्क अधिकारी,

नोडल अधिकारी, मैनेजर मार्केटिंग एवं मैनेजर मेडिकल, मैनेजर प्रशासन एवं कार्मिक, मैनेजर आरटीआई के पदों पर रहते हुए कार्यरत रहते हुए 31 म‌ई, 2019 को सेवानिवृत्त हुआ हूं।

 






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