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दो कलियाँ (Do Kaliyaan)

By Subhash Chand Saini


GENRE

Poetry

PAGES

130

ISBN

9789390267224

PUBLISHER

StoryMirror

PAPERBACK ₹180
Rs. 180
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About Book

‘दो कलियाँ’ पुस्तक का संकलन श्री सुभाष चन्द सैनी ने एक न्यारे ही दृष्टिकोण से किया है। एक ओर कविताएँ प्रकृति, परिवार और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में भावात्मक स्पन्दन हैं, तो दूसरी ओर, श्रीमद्भगवत गीता के रहस्यों का आत्मिक प्रवाह है। यद्यपि श्रीगीता और कविताओं में कोई सीधा सम्बन्ध दृष्टिगत नहीं है, परन्तु एक आंतरिक जुड़ाव अवश्य अनुभव होता है। कविताएँ किसी औपचारिक विधा में नहीं है, और न ही कोई एक शैली है। सभी कविताएँ अपनी–अपनी शैली में मौलिकता और एक विशुद्धता लिये हुए हैं। प्रकृति चित्रण की कविताएँ मन को एक पुलक से भर देती हैं तो पारिवारिक कविताएँ आंतरिक मर्म को उजागर करती हैं। सामाजिक विषय पर लिखी गई कविताएँ, अंतर्निहित सच्चाई की और इशारा करती हैं। यह एक आध्यात्मिकता संपन्न पुस्तक है।


About Author

श्री सुभाष चन्द सैनी स्वतंत्र लेखक हैं। ‘दो कलियाँ’ प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक है। 11 फरवरी, 1949 को रुड़की के निकट माजरी गाँव में, एक कृषक परिवार में जन्में श्री सैनी, पेशे से इंजीनियर हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई. आई. टी.), रुड़की से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर, उत्तर प्रदेश, लोक निर्माण विभाग में 36 वर्ष सेवा की, तथा फरवरी 2009 में मुख्य अभियन्ता पद से सेवानिवृत्त हुए। इस अवधि में सिविल निर्माण की अनेकों महत्त्वपूर्ण परियोजनायें पूर्ण कराईं। स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश में गंगा नदीपर शिवानन्द झुला (राम झुला) पुल का सर्जन, पर्यटकों का आकर्षण होने से उल्लेखनीय है। सेवानिवृत्ति पश्चात देहरादून में अवस्थित हैं। वर्तमान संप्रति, सिविल निर्माण कंसल्टेंसी, आर्बीट्रेशन एवं स्वतंत्र लेखन हैं।







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