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अवचेतन : कुछ बिसरा, कुछ वर्तमान (Avchetan: Kuch Bisra, Kuch Vartman) | हिंदी कविता संग्रह (Hindi Kavita Sangrah) | भावनाओं की अनछुई गहराईयों से निकलते हुए शब्द

★★★★★
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Author | मुकेश शर्मा “चक्रपाणि” (Mukesh Sharma) Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | Ebook Pages | 148
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About the Book:


विदेश में रहते हुए २०१६ लिखना शुरू किया। इस संग्रह में कवि ने अपने जीवन के अनुभवों, गांवों की सहजता और सरलता को, प्रकृति के सौंदर्य, आजकल के सामाजिक बदलाव और ज्वलंत सामाजिक मुद्दों को शब्दों में पिरोकर कुछ कहने की कोशिश की है। हिंदी साहित्य के विद्यार्थी नहीं हैं इसलिए हिंदी भाषा की अमीरी और उच्च व्याकरण के पैमाने पर खरे न उतरें पर दिल के भाव अवश्य ही आपको छूने की कोशिश कर सकते हैं। भाषा में भी चूक दिख सकती है क्योंकि कवि ८ वीं तक हिंदी माध्यम और उसके बाद अंग्रेजी माध्यम में पढ़ा है। यह कविता संग्रह कवि के बनने की ललक नहीं बल्कि अपने मौलिक सोच और विचार को व्यक्त करने की फड़फड़ाहट को अधिक प्रदर्शित करता है।


“नानी की कहानी" मेरी सबसे शुरूआती, पर रोचक कविता है । पीपल, बरगद, नीम तुलसी, अमलतास गुलमोहर, मधु मालती, चमेली, हारश्रिंगार पर कवितायेँ लिखी हैं जिनसे शायद आप भी जुड़ पाएं। कुछ कविताएं आध्यात्म पर हैं जो शायद आपको अच्छी लगें। कई सामाजिक विषयों जैसे वर्ण व्यवस्था, आरक्षण और न्याय प्रणाली पर मेरी कविताओं में कटाक्ष हैं जो आपको सोचने को अगर मजबूर कर सकें। 


About the Author:


मुकेश का जन्म १९६५ में आगरा जिले के पचोखरा गांव में हुआ था। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से स्नातक, पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट, बड़े औद्यगिक समूह के साथ विदेश में कार्यरत हैं। घर में ब्रज भाषा बोली जाती है, गाँव और ग्रामीण जीवन से बहुत लगाव है, ग्रामीण जीवन शैली, सरल रहन सहन शुद्ध देशी खान पान और प्राकृतिक सौंदर्य से अत्यंत प्रभावित हैं।


संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी मुकेश का एक बहुत बड़ा समय जीविकार्जन के लिए देश के महानगरों और विदेशों में बीता है। जीवन के विभिन्न आयामों को अनुभव किया, मानवीय सम्बन्धों को समझा परखा है, जीवन के उतार चढाव देखे हैं। बचपन से अभी तक इन सभी अनवरत अनुभवों का प्रवाह इनकी कविताओं में दिखाई पड़ता है। विभिन्न खेलों और गायन में रूचि रखने वाले मुकेश ने २०१६ में कविता लिखना आरम्भ किया, जो अनवरत जारी है। यह उनका प्रथम कविता संग्रह है।  













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