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About the Book:
तो आखिर क्या है आत्मा का सत्य? इसी प्रश्न का उत्तर इस पुस्तक में देने का प्रयास किया गया है और साथ ही अन्य बहुत रोचक विषयों पर भी चर्चा की गयी है। आज के समय में भी कुछ बातें हैं जिनका उत्तर जानने के लिए सभी उत्सुक होते हैं और इधर-उधर भटकते भी हैं लेकिन फिर भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता। 'आत्मा' एक ऐसा ही विषय है जिसपर पूरी स्पष्टता नहीं है और इससे जुड़े ऐसे-ऐसे पहलू हैं जो इसके प्रति रोचकता बढ़ा देते हैं।
आत्मा होता है या नहीं और यदि नहीं होता तो पुनर्जन्म कैसे होता है? ऐसे बहुत से प्रश्न हैं जिनका स्पष्ट उत्तर नहीं है और यह पुस्तक कुछ मौलिक प्रश्नों के उत्तर पाने का प्रयास है। विज्ञान और अध्यात्म में तारतम्य बैठाते हुए ब्रह्म से आत्मा का क्या सम्बन्ध है? आत्मा का सत्य क्या है? आत्मा और चेतना में क्या समानता और क्या भेद है? कर्म भोग, कर्म योग तथा मोक्ष क्या है? क्या सच में स्वर्ग-नर्क होते हैं? ज्ञान, कर्म और भक्ति में श्रेष्ठ क्या है ? मस्तिष्क, चेतना और शरीर में क्या संबंध है? क्या चेतना या आत्मा का कोई अस्तित्व है जो मृत्यु के बाद भी रहता है? क्या सच में आत्मा मृत्यु के बाद एक यात्रा करता है? क्या सच में पुनर्जन्म होता है? ब्रह्म क्या है और क्या ब्रह ब्रह्माण्ड से अलग है? ऐसे बहुत से प्रश्नों का उत्तर इस पुस्तक में दिया गया है। यदि किसी भी व्यक्ति को ऐसे किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने में रूचि हो तो यह पुस्तक निःसंदेह उनके लिए उपयोगी है। साथ ही अंत में एक नया दर्शन दिया गया है जो आज के समय में बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
- गायत्री वल्लभ पांडेय
About the Author:
इस पुस्तक के रचनाकार, गायत्री वल्लभ पांडेय, पेशे से एक आईटी इंजीनियर हैं| वर्तमान में यह HCL, नोएडा में मैनेजर एवं सीनियर कंसलटेन्ट के रूप में काम कर रहे हैं| इनका जन्म जमशेदपुर, झारखण्ड में हुआ था अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजेंद्र विद्यालय, जमशेदपुर से करने के बाद इन्होंने अपनी बीटेक की पढ़ाई सी वी रमन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, भुवनेश्वर, ओडिसा से की| इसके पश्चात सबसे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, मुंबई से इन्होंने ने अपने पेशेवर कैरियर की शुरुआत की| इन्होंने अपने पेशेवर कार्यकाल के दौरान भारत के विभिन्न स्थानों में रहने के साथ-साथ कुछ समय अमेरिका में भी व्यतीत किया| अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए अपने संस्थान द्वारा इन्हें समय-समय पर सराहना मिलती रही है| बचपन से ही आध्यात्मिक बातों और उनके कारणों के प्रति इनकी रूचि रही और स्कूल से लेकर कॉलेज तक इन्होंने कई वाक और लेखन प्रतियोगिताओं में भी पुरस्कार प्राप्त किया| इन्हें लिखने का शौक शुरू से रहा है और फुर्सत के पलों में ये कविता भी लिखते हैं। इससे पहले इनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
1) भारतीय अध्यात्म: वैज्ञानिकता का प्रतिबिम्ब (2020)
2) The Real Yogi … busting myths (2021)