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सहर-ए-इश्क़ ( Seher-E-Ishq ) | ग़ज़ल संग्रह (Ghazal Sangrah)

By सिदरा अंसारी ‘सिरी’ ( Sidra Ansari 'Siri')


GENRE

Poetry

PAGES

106

ISBN

9789360703851

PUBLISHER

StoryMirror

PAPERBACK ₹175 PAPERBACK ₹99
Rs. 175
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About the Book:



मुख्यतः ग़ज़ल शैली में लिखी गई ये कविताएँ कोमल नदी की तरह प्रवाहमय शिल्प है। इनमें कठोर शब्दों का व्यर्थ प्रयोग नहीं है लेकिन रोमांचित करने वाले उर्दू के साहित्यिक शब्द आपको झकझोर देते हैं।

भावनाओं के लिहाज़ से कविताएँ बहार के मौसम में फ़ूलों के बगीचे की तरह हैं जिनके रस में तितलियाँ स्वतः ही आकर सुंदरता बढ़ा देती हैं। किसी अपने के वापस आने की आस हो या बिछड़ने की तड़प, किसी के लिए खुद को खो देने की कसक हो या सब कुछ अर्पित कर देने वाली निःस्वार्थ मुहब्बत, इसकी पंक्तियाँ जहाँ आपको सुकून देती हैं, वहीं तंज़िया लहजा नए एहसास पैदा करता है।

यह किताब प्यार और उसके लाइलाज ज़ख़्मों से रूबरू कराने के साथ एहसासों की दुनिया की सैर कराती है।


About the Author:


सिदरा अंसारी का जन्म देवभूमि उत्तराखण्ड के एक बेहद प्राकृतिक और शांत शहर कोटद्वार में हुआ। साधारण, सरल लोगों के प्रभाव और उत्तराखण्ड की पहाड़ी पृष्ठभूमि के कारण उनका प्रकृति के प्रति विशेष लगाव रहा जिससे वे सादगी से भरी रहीं।

सिदरा ने बी.कॉम से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने G+, MeWe, Facebook जैसे प्लेटफ़ार्म पर लेखन के अलग-अलग प्रारूपों में लिखना शुरू किया जहाँ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, मोहसिन नक़वी, वसीम बरेलवी आदि शायरों को पढ़कर उनका रुझान शायरी और ग़ज़लों की तरफ हुआ। उन्होंने तमाम कविओं, ग़ज़लकारों की रचनाएँ पढ़ीं और उनकी शैली को समझना और सीखना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्होंने नए युग के प्यार, इंतज़ार और धोखे जैसी भावनाओं को छूते हुए अनेक कविताएँ लिखी।

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