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Talaash Jari Hai (तलाश जारी है)

★★★★★
Author | Sikander Bhardwaj Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | 9789390267231 Pages | 138
PAPERBACK
₹190



About Book:

इस पुस्तक में गीता के अठारह अध्यायों की भांति विभिन्न विषयों को

समेटे अठारह कहानियों का संग्रह है। अपने समाज में घटित होने वाली पथरीली सच्चाई से अपना नाता जोड़कर संवेदनशील बन जाना ही लेखक कहलाता है। इस संग्रह में एक ओर युवा मन को शीतलता प्रदान करने वाली प्रेम कहानियां हैं तो दूसरी तरफ हमारे समाज का संवेदनहीन बन जाने की मार्मिक कथाएं भी| हम लोग विकास के नाम पर इतने निर्मम हो चुके हैं की हमने परिंदों को भी खानाबदोश बना दिया है| आज भी एक गरीब के लिए पूस की रात उतनी ही भयावह है जितनी की मुंशी प्रेमचंद के जमाने में| कॉर्पोरेट कल्चर में लिप्त युवा नशे व अय्याशी का पर्याय बन चुके हैं| तरीके बदल-बदल कर आज भी भ्रष्टाचार सरकारी व्यवस्था का हिस्सा है|



About the Author:

जन्म-फरीदाबाद (हरियाणा) के गांव नरियाला में, प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से। भारतीय वायुसेना में सेवा देते हुए स्नातक (रोहतक) एवं परास्नातक कुरुक्षेत्र से की।

यु॰ जी॰ सी॰ - नेट (लोक प्रशाशन), जर्नलिज्म में डिप्लोमा। प्रतियोगिता-परीक्षाओं में सफल-असफल होने के खट्ठे-मीठे अनुभवों के बाद संप्रीति दिल्ली सरकार में ग्रेड-1 अधिकारी|

विचारों की एक अलग दुनिया होती है। बचपन में चलचित्र पर क्लासिकल फ़िल्में और नाटकों ने साहित्य के प्रति अनुराग पैदा कर दिया| बाद में परिवेश से हवा-पानी पाकर एक नन्हा सा बीज पौधा

बनने की राह पर चल निकला। प्रथम कहानी संग्रह (तलाश जारी है...)। नाटक लेखन, व्यंग्य लेखन में रुचि। “सरबजीत अभी ज़िंदा है” नाटक का लेखन व मंचन। दूसरा कहानी संग्रह, ”सिरफिरे-प्रेमी” नाटक और एक उपन्यास रचना निर्माण के दौर में।









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