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About the Book:
कहानियॉं मानव जीवन में सुख, शान्ति और ज्ञान का विस्तार सुन्दरता तथा गरिमा के साथ करती आईं हैं।
इनसे मनोरंजन के साथ बुद्धिमत्ता की भी वृद्धि होती है और साथ ही सद् वृत्तियों की भी अनमोल शिक्षा मिलती है। प्राचीन समय से ही मानव मन कहानियों की ओर आकर्षित होता आया है। पंचतंत्र की कहानियॉं के माध्यम से पंडित विष्णु शर्मा ने राजपुत्रों को छह मास में ही ज्ञान देकर निपुण बना दिया था। आज भी कहानियों का महत्त्व जीवन को संवारने में कम नहीं है। हमारे जीवन के आस-पास ही कथा- सूत्र बिखरे पड़े हैं, जो सहज ही मन को आन्दोलित करते हैं और शब्दों का प्रवाह कहानी बन जाता है बिना प्रयास ही।
ऐसी ही आस पास की घटनाओं से यहॉं प्रेरणास्पद कथातन्तु लिये गये हैं, कुछ कम ज्ञात कथाओं को भी शब्दों में पिरोया गया है। आशा है कि मनोरंजन सहित ये कहानियॉं एक नई दिशा भी देंगी।
About the Author:
उच्च न्यायिक सेवा से लेखिका सेवानिवृत्त हैं और पति श्री ओम कुमार प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद से सेवानिवृत्त हैं। दिया हुआ नाम चन्द्र प्रभा, डिग्री में नाम राजेन्द्रकुमारी एम.ए.,एल-एल.बी.। बिहार प्रादेशिक न्यायिक सेवा में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त कर प्रथम महिला न्यायिक पदाधिकारी होने का गौरव। “गृहदीप्ति,” “भोगप्रसाद”, “षडरस”, बेसिक होम कुकिंग”, “आश्रिता”(उपन्यास), “जीवन में न्याय” आदि आठ पुस्तकें प्रकाशित।
आश्रिता उपन्यास पर के. बी. हिन्दी सेवा न्यास(पंजी)द्वारा “हिन्दी भूषण श्री” सम्मान से सम्मानित।
निखिल प्रकाशन समूह आगरा के सात साझा संग्रहों में और श्री नवमान पब्लिकेशंस, अलीगढ़ के चार साझा संग्रहों में रचनायें प्रकाशित हुई हैं और “साहित्य गौरव सम्मान”, “साहित्य वैभव सम्मान” आदि प्राप्त हुए हैं। विद्योत्तमा फ़ाउंडेशन, नासिक से “विद्योत्तमा साहित्य सेवी सम्मान” प्राप्त हुआ है। बृजलोक साहित्य-कला- संस्कृति अकादमी, आगरा से “कलम साधिका” की सम्मानोपाधि मिली है।
स्टोरीमिरर में प्रकाशित रचनाओं के लिये “लिटरेरी कर्नल” सम्मान प्राप्त हुआ है; और “फ़्री इंडिया” कहानी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, तथा अन्य विधाओं में भी क़रीब पन्द्रह-सोलह प्रशंसा प्रमाण पत्र मिले हैं।