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लौट आना मुसाफ़िर (Laut Aana Musafir)

★★★★★
Author | धनराज माली ‘राही’ (Dhanraj Mali) Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | 978-93-88698-98-6 Pages | 142
PAPERBACK
₹190


About the Book:

(ज़िंदगी की कहानियाँ)

जब हम किसी की ज़िंदगी को दिल से पढ़ते हैं तो उस ज़िंदगी की कहानियों के पात्र, कहानियों से निकलकर हमारे पास आकर बैठ जाते हैं। ऐसा लगता है कि हम उन पात्रों से रूबरू होकर उनको समझने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी पीड़ा हमें अपनी लगती है, उनकी कहानी भी हमें अपनी प्रतीत होती है व उनकी ज़िंदगी हमारे लिए प्रेरणा बन जाती है।

यदि किसी कहानी को पढ़ते वक्त हमें अपनेपन का एहसास होता है तो हम स्वयं भी उन कहानियों के पात्र बन जाते हैं। ‘लौट आना मुसाफ़िर’ का प्रत्येक पात्र आपको अपने आस पास टहलता मिलेगा, आप चाहकर भी उसे भूल नहीं पाएंगे।


About the Author:

लेखक धनराज माली ‘राही’ मूल रूप से सिरोही (राजस्थान) के निवासी है। लेखक कई समाचार-पत्र व पत्रिकाओं से जुड़े रहे है। वर्तमान में अपने गृह जिले से कुछ ब्लॉग लिखते हैं। सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है। इनके फेसबुक पेज Dhanraj Mali Rahi को 12000 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया पर इनकी पोस्ट बहुत लोकप्रिय होती है। जीवन से जुड़े किस्सों को रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत करना इनकी विशेषता है। ‘लौट आना मुसाफ़िर’ लॉकडाउन के दौरान लिखी इनकी कहानी संग्रह है। इनकी आने वाली पुस्तक “पूर्णविराम। ज़िंदगी” लंबे समय से चर्चा में है।








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