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डायरी के पने (Diary Ke Panne)

★★★★★
Author | डॉ। अनु सोमयाजुला Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | 978-93-88698-86-3 Pages | 66
PAPERBACK
₹130



About Book:

डायरी के पन्ने को दैनंदिनी के बजाय यात्रा वृत्तांत कहना सही होगा। किसी भी यात्रा की तरह इस यात्रा में भी अनेक पड़ाव हैं, कुछ सुखद तो कुछ कष्टदायक। पड़ाव यात्रियों के चढ़ने उतरने के लिए ही होते हैं। किंतु इस यात्रा में यात्री भावनाएं हैं, मानवीय संवेदनाएं हैं, आशंकाएं हैं और आशाएं भी। हर पड़ाव कुछ सीख दे जाता है तो कुछ टीस भी छोड़ जाता है। कहीं टिमटिमाती रोशनी है तो कहीं घुप अंधेरा। यह यात्रा जितनी लेखिका की है उतनी ही औरों की भी। लॉकडाउन की घोषणा ने हरी झंड़ी दिखाई और कल्पना की गाड़ी दौड़ पड़ी। कई अनुभव बटोरे गए, कई सुख - दुख साझा किए गए। अभी सफर ज़ारी है, मंज़िल दूर दूर तक दिखाई नहीं देती। वैसे अपना पड़ाव चुनने को हर कोई स्वतंत्र है।


About Author:

जन्म २१ नवंबर १९५०, गुजरात के बिलिमोरा शहर में हुआ। पिता सरकारी नौकरी में थे इसलिए प्रारंभिक वर्ष यायावरों की तरह शहर दर शहर बदलते बीते। हायस्कूल तक की शिक्षा हिंदी माध्यम से हुई, शायद साहित्य में रुचि पैदा होने का कारण यह भी रहा। सन् १९७२ में नागपुर मेडिकल कॉलेज से स्नातक की उपाधि, तत्पश्चात् मुंबई के टोपीवाला मेडिकल कॉलेज से स्नातकोत्तर पदवी हासिल की। विभिन्न म्युनिसिपल एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न पदों पर कार्य करते सन् २००५ में स्वेच्छा से आवकाश ग्रहण किया। संप्रति मुंबई के एक डायगनॉस्टिक सेंटर में कार्यरत। लिखने की ओर रुझान कॉलेज के दिनों से ही रहा; सत्तर के दशक से अब तक नियमित या अनियमित रूप से कुछ न कुछ लिखा जाता रहा। अब तक का लेखन मूलतः ‘स्वांतः सुखाय’ ही रहा।






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