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कोरोना-तमस को हरते व हराते ̶ 21 ज्योतिर्मय दीप (Corona Tamas Ko Harte Va Haraate)

By अनूप कुमार'अयन'


GENRE

Poetry

PAGES

35

ISBN

ebook

PUBLISHER

StoryMirror

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पूर्वावलोकन

 

नवरात्रि के पर्व का प्रथम दिवस ! माननीय प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना-युद्ध के अमोघ अस्त्र के रूप में 21 दिन के संपूर्ण लॉक डाउन की घोषणा ! प्रारंभ में तो मन यह सोच कर काफी विचलित और व्यथित हुआ कि इन दिनों घर की चहारदीवारी के अंदर बंद रहना कितना कष्टप्रद होगा | वासंतिक नवरात्र के प्रथम दिन मैंने माँ भगवती दुर्गा से इस महाविभीषिका से जूझने और परास्त करने हेतु शक्ति का वरदान प्राप्त करने के रूप में अपनी प्रथम रचना लिखी, जिसमें उनसे सोई और खोई शक्ति को पुनर्जीवित करने की कामना की गई है | फिर क्या था, माँ भगवती की ऐसी कृपा हुई कि प्रेरणा पाकर मैं निरंतर कुछ न कुछ लेखन-कार्य करता रहा और 21 दिन का दुष्कर लॉकडाउन जब समाप्त हुआ तो पूरी 21 रचनाओं का एक प्रेरक एवं रोचक संग्रह मेरे पास था, जिसने लॉक डाउन की नीरसता के दुरुह काल में भी मुझे जीवंत बनाए रखा |

मेरे ' कोरोना-तमस को हरते व हराते ̶ 21 ज्योतिर्मय दीप ' नामक काव्य- संग्रह की सभी रचनाएँ काफी सहज, सार्थक और सरल हैं और इस काल की विभिन्न अनुभूतियों एवं विभिन्न आयामों का बखूबी प्रतिपादन करतीं हैं | मुझे पूर्ण विश्वास है, कि समकालीन यथार्थ-बोध से अनुप्राणित मेरी यह लघु काव्य-कृति कोरोना के इस महासमर में एक प्रेरणा और संबल प्रदान करने में पूर्णतयः सहायक सिद्ध होगी |

 

                                                                                                       

 

रचनाकार का संक्षिप्त परिचय

 

श्री अनूप कुमार'अयन' काव्य-लेखन को मौन साधना का विषय मानने वाले एक गीतकार एवं कवि हैं | प्रशस्त भावों-विचारों तथा रचनात्मक कल्पना से सज्जित आपकी कविता मधुर है | आप कुछ समय पूर्व ही अपनी दीर्घ बैंक-सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं | भौतिक-शास्त्र से स्नातकोत्तर होने के बावजूद एवं विज्ञान के छात्र होते हुए भी विद्यार्थी-काल से ही हिंदी-साहित्य में इनकी गहरी अभिरुचि रही है | वैसे काव्य-लेखन की कला इनको विरासत में ही प्राप्त हुई है | आपके पूज्य पिताजी हिंदी के एक अच्छे एवं स्थापित कवि थे |

वर्तमान में, आप इंदौर, मध्य प्रदेश में निवासरत हैं और सेवानिवृत्ति के पश्चात साहित्य-सेवा के अपने सपने को पूर्ण करने हेतु लेखन-कार्य में सतत संलग्न हैं |










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