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सदाबहार : कहानी संग्रह (Sadabahaar : Kahani Sangrah)

★★★★★
Author | नरेश वर्मा (Naresh Verma) Publisher | StoryMirror Infotech Pvt. Ltd. ISBN | 9789392661341 Pages | 150
PAPERBACK
₹200



About the Book:


“सदाबहार” कहानियों का ऐसा गुलदस्ता है, जिसमें प्रत्येक कहानी अलग रंग और अलग महक से गुलज़ार है। मौन की भाषा से अभिव्यक्त होता प्रेम हो या फिर प्रेम को एक रोमांचकारी खेल मानने की सोच। किराए की कोख तलाशती संपन्न महिलाएँ हों या फिर बड़े लोगों के छोटे कारनामों का रोज़नामचा। मानसिक यंत्रणाओं से निजात पाने को आत्महत्या की राह तलाशती युवा पीढ़ी हो या फिर अपने गंतव्य को हासिल करने का जुझारूपन हो। जीवन के संध्याकाल में एकाकी होता मन हो या फिर जीवन को उत्सव मान कर जीने की ललक। ऐसे ही द्वन्द्वों को उजागर करती कहानियाँ अंततः मार्ग भी प्रशस्त करती प्रतीत होती है और कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता है कि विषय गूढ़ होने पर भी निरंतर पाठक को बाँधे रखती हैं। भाषा की सहजता, सरलता के मध्य छुपा व्यंग्य एक मीठी चुभन दे जाता है।


About the Author:


1942 में यू. पी. के मुरादाबाद में जन्मे नरेश वर्मा, पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हैं किंतु उनका झुकाव सदैव से कला और साहित्य की ओर रहा। जबलपुर प्रवास के दिनों में वह दस वर्षों तक रंगमंच से जुड़े रहे। देहरादून में स्थाई रूप से बसने के बाद, उन्होंने संपूर्ण रूप से स्वयं को साहित्य-साधना में समर्पित कर दिया। वर्मा जी द्वारा लिखित एवं प्रकाशित पुस्तकें -“आनंद एक खोज”, “देसी मैन विद् अंकल सैम” (अमेरिकी प्रवास के संस्मरण), “लाइनपार (उपन्यास), पाठकों द्वारा खूब सराहीं गई ।जीवन की लंबी मैराथन दौड़ से प्राप्त अनुभवों का निचोड़ उनकी रचनाओं में साफ़ झलकता है। गूढ़ विषयों को भी भाषा की सहजता एवं सरलता से प्रस्तुत करने की कला का साक्ष्य उनकी कहानियों में झलकता है। साथ-साथ इसमें व्यंग्य-विनोद का तड़का रचनाओं को अतिरिक्त रोचकता प्रदान करता है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि “सदाबहार” पुस्तक की कहानियाँ जिन अछूते विषयों को लेकर लिखी गईं हैं वह आपके मन - मस्तिष्क को अवश्य आनंदित कर पायेंगी।









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